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सोने की दुआ – Sone Ki Dua

इस्लाम में सोने से पहले कुछ खास दुआएं पढ़ने की हिदायत दी गई है, ताकि नींद सुकून भरी हो और अल्लाह की हिफाज़त में रहे। नीचे सोने की मस्नून दुआ दी गई है, जिसे पढ़कर सोना सुन्नत है।

सोने की दुआ (Sone Ki Dua)

अरबी में:

اللَّهُمَّ بِاسْمِكَ أَمُوتُ وَأَحْيَا

उच्चारण (Roman English):

“Allahumma Bismika Amutu Wa Ahya”

हिंदी में अर्थ:

“हे अल्लाह! मैं तेरे नाम के साथ मरता (सोता) और तेरे नाम के साथ ही जीवित (जागता) होता हूँ।”


सोने से पहले के सुन्नत अमल


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. सोने से पहले कौन सी दुआ पढ़नी चाहिए?

सोने से पहले यह दुआ पढ़नी चाहिए:
اللَّهُمَّ بِاسْمِكَ أَمُوتُ وَأَحْيَا
(Allahumma Bismika Amutu Wa Ahya)

2. सोने से पहले वुज़ू करना जरूरी है?

नहीं, यह जरूरी नहीं है लेकिन सुन्नत और अफ़ज़ल (बेहतर) माना जाता है।

3. क्या सोने से पहले अयतुल कुर्सी पढ़ सकते हैं?

जी हां, अयतुल कुर्सी पढ़ना बहुत फायदेमंद है। यह अल्लाह की हिफाज़त में रहने का एक अच्छा जरिया है।

4. पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) कैसे सोते थे?

पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) दाएं करवट लेटकर सोते थे और सोने से पहले दुआ पढ़ते थे।

5. क्या सोने से पहले सूरह मुल्क पढ़नी चाहिए?

हां, हदीस में आता है कि सूरह मुल्क पढ़ने से कब्र के अज़ाब से बचाव होता है, इसलिए इसे सोने से पहले पढ़ना अच्छा है।


अतिरिक्त जानकारी और लिंक

सोने से पहले दुआ पढ़ना हमें अल्लाह की हिफाजत में रखता है और यह सुन्नत भी है। इसलिए, इसे अपनी आदत में शामिल करना चाहिए।

ARMAN
ARMANhttps://islamforall.in
Arman Tamboli, Masters in Islamic University. 14+ years of experience helping individuals with Islamic Knowledge & Quran. Certified by Islamic Scholar University.
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