इमाने मुजमल :-
आमनतु बिल्लाहि कमा हुव बिअसमाइही व् सिफातिही व् कबिलतु जमी-अ अहकामिही.
तर्जुमा: मै ईमान लाया अल्लाह पर जैसे के वह अपने नामो और सिफातो के साथ है और मैंने उस के तमाम अहकाम कुबुल किये .
इमाने मुफ़स्सल :-
आमन्तु बिल्लाहि व् मलाइकतिही व कुतुबिही व रुसुलिही वल यौमिल आखिरी वल कद्री खैरिही व् शर्रिही मिनल्लाहि तआला वल बअसि बअदल मौत.
तर्जुमा: मै ईमान लाया अल्लाह पर और उसके फरिश्तो पर और उस की किताबो पर और उस के रसूलो पर और क़यामत के दीन पर और इस बात पर के अच्छी और बुरी तकदीर अल्लाह तआला की तरफ से होती है और मौत के बाद दुबारा जिंदा किये जाने पर.