Site icon Islam For All

Namaz Padhne Ka Tarika | नमाज पढ़ने का तरीका

Namaz Padhne Ka Tarika

Namaz Padhne Ka Tarika

अस्सलामु अलैकुम, आज की पोस्ट में हम Namaz Padhne Ka Tarika के तमाम पहलुओं पर बात करेंगे। अगर आपको Namaz Padhne Ka Tarika के बारे में पूरी मालूमात चाहिए, तो पोस्ट को पूरा पढ़ें।

Namaz Padhne Ka Tarika Step By Step

Niyyat (नियत करना)

Takbeer-e-Tahrima (अल्लाह-हु-अकबर कहना)

Qiyaam (खड़े होना)

Ruku (झुकना)

फिर हाथ घुटनों पर रखकर रुकू किया जाता है। रुकू में यह दुआ पढ़ी जाती है:
“सुभाना रब्बियाल अज़ीम” (3 दफ़ा या ज़्यादा)।

Qaumah (रुकू के बाद खड़े होना)

रुकू के बाद सीधे होकर खड़े होते हैं और कहते हैं:
“समीअल्लाहु लिमन हामिदाह, रब्बना लक़ल हम्द।”

Sajdah (ज़मीन पर झुकना)

फिर दोनों हाथ, घुटने, पैर और पेशानी ज़मीन पर रखकर सज्दा किया जाता है। सज्दे में यह दुआ पढ़ी जाती है:
“सुभाना रब्बियाल अ’ला” (3 दफ़ा या ज़्यादा)।

Jalsa (सज्दे के बाद बैठना)

फिर सज्दे के बाद कुछ देर के लिए बैठते हैं और फिर दूसरा सज्दा करते हैं।

Doosra Sajda (दूसरा सज्दा)

दूसरा सज्दा भी पहले सज्दे की तरह होता है।

Doosri Rakat (दूसरी रकअत)

पहली रकअत के तमाम आमाल (क़ियाम, रुकू, क़ौमा, सज्दा, आदि) फिर से किए जाते हैं।

Tashahhud (बैठकर तशह्हुद पढ़ना)

दूसरी रकअत के बाद बैठ जाते हैं और तशह्हुद पढ़ते हैं:

अत्तहिय्यातु लिल्लाही वस्सलवातु वत्तैय्यिबातु।
अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकातुह।
अस्सलामु अलैना वा अला इबादिल्लाहिस सालिहीन।
अश्हदु अल्ला इलााहा इल्लल्लाहु व अश्हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुह।

(हिंदी अनुवाद):

तमाम इबादतें, दुआएं और पाक चीज़ें सिर्फ़ अल्लाह के लिए हैं।
ऐ नबी, आप पर सलाम हो और अल्लाह की रहमत और उसकी बरकतें भी।
हम पर और अल्लाह के नेक बंदों पर भी सलाम हो।
मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) अल्लाह के बंदे और रसूल हैं।


اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ
Allahumma Salli Ala Muhammadin Wa Ala Aali Muhammadin
(हे अल्लाह, मुहम्मद पर और मुहम्मद के आल पर रहमत नाज़िल फरमा।)

  1. Salaam (नमाज़ का ख़त्मा)

नमाज़ का ख़त्मा

ये भी पढ़े

Azan in hindi, English, Arabic Full

Sajda sahw – सजदा सहव का तरीका

हमें यकीन है कि हमारे इस पोस्ट Namaz Padhne Ka Tarika ने आपके तमाम सवालों के जवाब दे दिए होंगे। अगर आपके कोई और सवाल हैं तो कमेंट में ज़रूर पूछें, और इसी तरह की पोस्ट पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट से जुड़े रहें।

Namaz Padhne Ka Tarika FAQ

1. नमाज़ पढ़ने का सही वक्त क्या है?

जवाब: हर नमाज़ का एक तय वक्त होता है। जैसे, फजर सुबह की पहली नमाज़ है, जुहर दोपहर में, असर शाम से पहले, मग़रिब सूरज ढलने के बाद, और इशा रात में। हर नमाज़ का वक्त सूरज की स्थिति के अनुसार निर्धारित होता है।

2. क्या नमाज़ में ग़लती होने पर दोबारा पढ़नी चाहिए?

जवाब: हाँ, अगर आपको अपने नमाज़ में कोई ग़लती का एहसास हो, तो आप सजदा-सहव (सजदा की ग़लती की मुआफी के लिए) कर सकते हैं। अगर ग़लती बड़ी हो, तो नमाज़ को दोबारा पढ़ना बेहतर है।

3. क्या नमाज़ में मसलन, तशह्हुद पढ़ना ज़रूरी है?

जवाब: हाँ, नमाज़ में तशह्हुद पढ़ना ज़रूरी है। यह नमाज़ का एक अहम हिस्सा है और इसे दुरूद इब्राहीम के साथ पढ़ा जाता है। तशह्हुद में अल्लाह की इबादत और नबी पर सलाम का इज़हार किया जाता है।

4. क्या महिलाएं नमाज़ घर पर पढ़ सकती हैं?

जवाब: हाँ, महिलाएं घर पर नमाज़ पढ़ सकती हैं। हालांकि, उन्हें मस्जिद में जाने का भी हक है। लेकिन घर पर पढ़ी गई नमाज़ भी पूरी तरह से मान्य है। इबादत का मकसद इमानदारी और तवज्जो से अल्लाह की इबादत करना है।

Learn More Dua Like – Safar ki DuaDua e Masura, Istekhara duaDua QunootGhusl ki duaRoza rakhne kiAzan ke baad ki duaMasjid me Dakhil hone ki dua, Masjid se bahar jane ki dua , sone ki dua, soke uthne ki dua , Nazar se bachne ki duaWazu ki dua , Allah se Mangne ki dua

Exit mobile version