पढ़ें और अपनी रात को रोशन करें। ये एक ख़ास वक़्त है जब अल्लाह से अपनी हाज़त के लिए दुआ मांगी जा सकती है। खुद से इस बरकत को हासिल करें!
Table of Contents
tahajjud dua/tahajjud ki dua
dua tahajjud arabic
اللَّهُمَّ لَكَ الحَمْدُ أَنْتَ نُورُ السَّمَاوَاتِ وَالأَرْضِ وَمَنْ فِيهِنَّ، وَلَكَ الحَمْدُ أَنْتَ قَيِّمُ السَّمَاوَاتِ وَالأَرْضِ وَمَنْ فِيهِنَّ، وَلَكَ الحَمْدُ أَنْتَ الحَقُّ، وَوَعْدُكَ الحَقُّ، وَلِقَاؤُكَ حَقٌّ، وَالقَوْلُ حَقٌّ، وَالجَنَّةُ حَقٌّ، وَالنَّارُ حَقٌّ، وَالنَّبِيُّونَ حَقٌّ، وَمُحَمَّدٌ ﷺ حَقٌّ، وَالسَّاعَةُ حَقٌّ. اللَّهُمَّ لَكَ أَسْلَمْتُ، وَبِكَ آمَنْتُ، وَعَلَيْكَ تَوَكَّلْتُ، وَإِلَيْكَ أَنَبْتُ، وَبِكَ خَاصَمْتُ، وَإِلَيْكَ حَاكَمْتُ، فَاغْفِرْ لِي مَا قَدَّمْتُ وَمَا أَخَّرْتُ، وَمَا أَسْرَرْتُ وَمَا أَعْلَنْتُ، أَنْتَ إِلَهِي لَا إِلَهَ إِلَّا أَنْتَ.
tahajjud dua hindi
अल्लाहुम्म लकल हम्दु अन्त नूरुस् समावाति वल अर्जि व मन फीहिन्न, व लकल हम्दु अन्त कयिमुस् समावाति वल अर्जि व मन फीहिन्न, अन्तल हक्कु, व अदुकल हक्कु, व लिकाउकल हक्कु, वल जन्नतु हक्कुन, वन्नारु हक, व नबियु क मुहम्मदुन हक्कुन, वस्सा अतु हक. अल्लाहुम्म ल क असलमतु, व बिक आमन्तु, व अलैक तवक्कल्तु, व इलैक अनब्तु, व बिक खासम्तु, व इलैक हाकम्तु. फ़गफिरली मा कद दम्तु, व मा अख्खरतु, व मा असरतु, व मा अअलन्तु. अन्त इलाही ला इलाहा इल्ला अन्त.
tahajjud dua in english
Allahumma lakal hamdu anta noorus samawati wal ard wa man feehinna, wa lakal hamdu anta qayyimus samawati wal ard wa man feehinna, antal haqq, wa wa’dokal haqq, wa liqa’okal haqq, wal jannatu haqqun, wannaru haqqun, wa nabiyyuka Muhammadun haqq, wassaa’atu haqq. Allahumma laka aslamtu, wa bika aamantu, wa ‘alayka tawakkaltu, wa ilayka anabtu, wa bika khasamtu, wa ilayka hakamtu. Faghfir li ma qaddamtu wa ma akhkhartu, wa ma asrartu wa ma a’lantu. Anta ilaahi laa ilaaha illaa ant.
tahajjud ki dua in urdu
اَللّٰهُمَّ لَكَ الْحَمْدُ أَنْتَ نُورُ السَّمَاوَاتِ وَالْاَرْضِ وَمَنْ فِيْهِنَّ، وَلَكَ الْحَمْدُ أَنْتَ قَيِّمُ السَّمَاوَاتِ وَالْاَرْضِ وَمَنْ فِيْهِنَّ، أَنْتَ الْحَقُّ، وَوَعْدُكَ الْحَقُّ، وَلِقَاؤُكَ الْحَقُّ، وَالْجَنَّةُ حَقٌّ، وَالنَّارُ حَقٌّ، وَنَبِيُّكَ مُحَمَّدٌ ﷺ حَقٌّ، وَالسَّاعَةُ حَقٌّ۔ اَللّٰهُمَّ لَكَ أَسْلَمْتُ، وَبِكَ آمَنْتُ، وَعَلَيْكَ تَوَكَّلْتُ، وَإِلَيْكَ أَنَبْتُ، وَبِكَ خَاصَمْتُ، وَإِلَيْكَ حَاكَمْتُ، فَاغْفِرْلِيْ مَا قَدَّمْتُ وَمَا أَخَّرْتُ، وَمَا أَسْرَرْتُ وَمَا أَعْلَنْتُ، أَنْتَ اِلٰهِىْ لَا اِلٰهَ اِلَّا أَنْتَ۔
ये भी पढ़े
हमे यकीन है की हमारे इस पोस्ट tahajjud dua/tahajjud ki dua ने आपके सरे सवालों के जवाब दे दीये होंगे |अगर आपके कोई और सवाल है तो कमेंट में पूछ सकते है और इसी तरह के पोस्ट पढने के लिए हमारी website से जुरे रहे |
FAQ
तहज्जुद में कौन से सूरह पढ़ना है?
तहज्जुद में सूरह फातिहा और सूरह इख्लास पढ़ना बेहतरीन है। इसके अलावा, सूरह मुल्क, सूरह यासीन, और सूरह ताहा भी पढ़ सकते हैं।
तहज्जुद में नहीं रोऊं तो क्या हुआ?
अगर तहज्जुद में आप नहीं रोते हैं, तो कोई बात نہیں। सबसे अहम है ध्यान और अल्लाह से नजदीकी। आपकी इबादत और दुआ का असर जरूर होगा।
क्या तहज्जुद किस्मत बदल सकता है?
हां, तहज्जुद पढ़ने से अल्लाह की रहमत बरसती है और यह आपकी किस्मत को बदल सकता है। नियमित तौर पर तहज्जुद करने से रूहानी और माली फजीलतें मिलती हैं।