रमज़ान का चाँद और चाँद देखने की दुआ

रमज़ान इस्लाम धर्म का एक पवित्र महीना है, जिसकी शुरुआत चाँद के दीदार से होती है। इस विशेष अवसर पर एक खास दुआ पढ़ी जाती है, जो अल्लाह से सुरक्षा, ईमान और सलामती की दुआ करती है।

रमज़ान का चाँद देखने की दुआ

जब रमज़ान का चाँद नजर आए, तो निम्नलिखित दुआ पढ़नी चाहिए:

अरबी में:

اللَّهُمَّ أَهِلَّهُ عَلَيْنَا بِالأَمْنِ وَالإِيمَانِ، وَالسَّلاَمَةِ وَالإِسْلاَمِ، رَبِّي وَرَبُّكَ اللَّهُ

उच्चारण:

“अल्लाहुम्मा अहिल्लहू अलैना बिल-अम्नि वल-ईमानी, वस्सलामति वल-इस्लामी, रब्बी व रब्बुकल्लाहु”

हिंदी में अर्थ:

“हे अल्लाह! इस चाँद को हमारे ऊपर सुरक्षा, ईमान, सलामती और इस्लाम के साथ उदित कर। मेरा और तेरा रब अल्लाह है।”

दुआ का महत्व

इस दुआ के माध्यम से, हम अल्लाह से प्रार्थना करते हैं कि वह हमें रमज़ान के महीने में सुरक्षा, ईमान, सलामती और इस्लाम की राह पर चलने की तौफीक़ दे। यह दुआ हमें याद दिलाती है कि अल्लाह ही हमारा और इस चाँद का रब है, और हम उसी पर निर्भर हैं।

रमज़ान के चाँद से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

अतिरिक्त संसाधन

रमज़ान के चाँद देखने की दुआ और उससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित वीडियो देख सकते हैं:

इस वीडियो में, रमज़ान के चाँद देखने की दुआ और उसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है।

https://youtu.be/FMnlx4OI3lo?si=S9vLLVqct-9_31e3

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