Gasht ki baat | Fazail e Gasht | Gasht ke Adab

नहमदुहू व नुसल्ली आला रसुलीहिल करीम अम्मा बाद .अऊजु बिल्लाहि मिनश्शैतानिर्रजीम बिस्मिल्लाहिर्रेहमानिर्रहिम. रब्बीश रहली सदरी व यस्सिरली अम्री वहलुल उक्दतम मिल्लिसानी यफ कहु कौली. Gasht 5 Tarah ke Hai भाईयो, दोस्तों, बुजुर्गो और साथीयो अस्सलामु अलैकुम व् रेह्मतुल्लाही व बरकातूहु.एक बार दरूद शरीफ पढ़ लिजिए. अल्लाह तआला का बहुत बड़ा एहसान हुआ की अल्लाह ने … Read more

Tabligi Jamat ke 13 Kaam

जो आदमी आजान कहता है उसे मुअज़्ज़िन कहते है. जो तकबीर कहता हैं उसे मुकब्बिर कहते है. नमाज़ पढ़ाने वाले को इमाम कहते है.इमाम के पीछे नमाज़ पढने वाले को मुक्तदी कहते है. अकेले नमाज़ पढने वाले को मुनफ़रिद केहते है

मस्तुरात में बात करने का तरीका – Mustarat me Baat

१.ईमान की मुख़्तसर बात हो, २. नामज़ की थोड़ी तफसील से, ३. जिक्र और तिलावत ४. बच्चो की दीनी तरिबियत ५. मर्दों को अल्लाह के रास्ते में भेजना ६.मुकामी काम की फ़िक्र ,सुन्नत, शरिअता और सादगी ७. घरो की तालीम पर जोर दे. ८. दुआ मुख़्तसर करे.दुआ में न खुद रोए न रुलाए. बात करने … Read more

वापसी की बात / कारगुजारी – (Vapsi ki baat/ Karguzari)

१.वापसी पर भी नियत दुरुस्त करे – अल्लाह के रास्ते में हमारा जो वक़्त लगा ये अल्लाह के चाहने से लगा है. २.अल्लाह के रास्ते के फ़जाईल बयान करना –  जब हम जामत में थे तो हम फारिग थे ये हमारे लिए सारे काम करना आसन था जैसे की सारे काम आसानी से करते थे. … Read more

मुलाकात में यह बात करे – Mulakat ki baat

मुलाकात को जाते वक़्त नियत करना जरुरी है . में आपनी इस्लाह की गरज से जा रहा हु सामने वाले को समझाऊंगा लेकिन फ़िक्र करूँगा जो बात में समजा रहा हु उसकी हकीकत मेरे अंदर बनाने के लिए हैं.                 अस्सलामु अलैकुम खैरियत तो है ? अल्लाह आपके जान और माल और उम्र में बरकत … Read more

उमूमी बात – Umoomi baat- Magirb ke baad

magrib ke baad

नहमदुहू व नुसल्ली आला रसुलीहिल करीम अम्मा बाद .अऊजु बिल्लाहि मिनश्शैतानिर्रजीम बिस्मिल्लाहिर्रेहमानिर्रहीम. रब्बीश रहली सदरी व यस्सिरली अम्री वहलुल उक्दतम मिल्लिसानी यफ कहु कौली. भाईयो, दोस्तों, बुजुर्गो और साथीयो अस्सलामु अलैकुम व रेहमतुल्लाही व बरकातूहु एक बार दरूद शरीफ पढ़ लिजिए. अल्लाह तआला का बहुत बड़ा एहसान हुआ की अल्लाह ने मुझे और आपको मग़रिब … Read more

Gasht k types- गश्त ५ तरह के है

१.खुसूसी गश्त  २. तालीमी गश्त  3. तश्किली गश्त 4. वसूली गश्त 5. उमूमी गश्त                                    खुसूसी गश्त तीन तरह के लोगो से होंगी १.मस्जिद के जिम्मेदार (काम के बड़े) :- मस्जिद के सदर या दावत के जिम्मेदारान से मिले तो उन्हें सलाम मुसाफा करे और उनसे कहे माशाअल्लाह अल्लाह ने आपको बड़ी जिम्मेदारी दी है … Read more

TARUFI BAAT – तारुफी बात – (ज़ोहर की बात)

ज़ोहर की नमाज़ के बाद की बात: दुआ और दरूदनहमदुहू व नुसल्ली आला रसुलीहिल करीम अम्मा बाद।अऊजु बिल्लाहि मिनश्शैतानिर्रजीम बिस्मिल्लाहिर्रेहमानिर्रहिम।रब्बीश रहली सदरी व यस्सिरली अम्री वहलुल उक्दतम मिल्लिसानी यफ कहु कौली। तक्रीर की शुरुआत: भाइयों, दोस्तों, बुजुर्गों और साथियों, अस्सलामु अलैकुम व रेहमतुल्लाही व बरकातuhu। एक बार दरूद शरीफ पढ़ लीजिए। अल्लाह तआला का बहुत … Read more

तालीम के मकसद और आदाब  – TALIM ke adaab

TALIM KA MAKSAD AUR ADAAB

तालीम के मकसद और आदाब   तालीम का मकसद :- हमारा दिल तासुर याने असर लेने वाला बन जाये. तालीम के आदाब :- १. बा वजू बैठे  २. खुशबू लगाकर बैठे  ३. २ रकात नफिल नमाज़ पढ़कर बैठेना. ४. नियत कर के बैठना. ५.कलाम और साहिबे कलाम के अजमत को दिल में लेकर बैठना ६.ध्यान, … Read more